जशपुर में सरहुल पर्व में झण्डा बदलने के मामले में मचा कोहराम...अब राजपरिवार से विजय आदित्य सिंह जूदेव आये सामने,कहा जशपुर का वर्तमान शासक तानाशाही रवैये से हिंदुत्व पर आक्रमण कर रही, रामनवमी में लगाये हिंदुत्व का हनुमान झण्डा उतारने वालों पर अब तक कोई कार्यवाही क्यों नही हुई..? - Chhattisgarhkimunaadi.com

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बुधवार, 20 अप्रैल 2022

जशपुर में सरहुल पर्व में झण्डा बदलने के मामले में मचा कोहराम...अब राजपरिवार से विजय आदित्य सिंह जूदेव आये सामने,कहा जशपुर का वर्तमान शासक तानाशाही रवैये से हिंदुत्व पर आक्रमण कर रही, रामनवमी में लगाये हिंदुत्व का हनुमान झण्डा उतारने वालों पर अब तक कोई कार्यवाही क्यों नही हुई..?

 



जशपुरनगर:-जशपुर इन दिनों काफी सुर्खियों में है।जशपुर में लगातार धर्म आक्रमण जारी है।वहिं एक विवाद जशपुर में विनय भगत के नेतृत्व में हुए राजी पड़हा के सरहुल पूजा से शुरू हुई है।जिसमें बताया जा रहा है कि जशपुर शहर में रामनवमी के दिन लगाये गये रामनवमी समिति के द्वारा हनुमान झण्डा को सरहुल पूजा के एक दिन पहले उतार कर उसके जगह में किसी दूसरे समुदाय के झण्डे को पूरे शहर में लगा दिया गया।वही इस मामले में बीते दो दिन पहले ही जनजाति समाज की नेतृत्व करने वाली महिला विंग करुणा भगत ने कोतवाली थाना में जा कर हनुमान झण्डे को उतारने पर हिन्दू आस्था को आघात करने का आरोप लगाते हुए लिखित शिकायत दर्ज भी कराई थी।जिसके बाद पूरे शहर में साम्प्रदायिक सौहाद्र बिगड़ता उससे पहले ही किसी के द्वारा रातो रात हनुमान झण्डे के जगह में लगाये गये दूसरे समुदाय के झण्डे को हटवा दिया गया।फिर भी यह मुद्दा लगातार गर्माता हुआ दिख रहा है।अब इस मुद्दे में जशपुर शहर के रामनवमी समिति के अध्यक्ष राजपरिवार के विजय आदित्य सिंह जूदेव भी सामने आ गये हैं और बेबाक रूप से हनुमान झण्डे को बदलने के मामले में विधायक विनय भगत को घेरते हुए गम्भीर आरोप लगाया है।उन्होंने कहा कि जशपुर का वर्तमान शासक तानाशाही रवैये से चल रही है।जशपुर के पुरातन वनवासी समाज और जनजाति भाइयों को धर्मान्तरण करने के मकसद से इशाई मिशनरियों और बाहरी शक्तियों से मिलिभगत करके लगातार हमारे हिन्दू धर्म पर आक्रमण किया जा रहा है।हमारे हिन्दू भाइयों को बहला फुसला कर आने वाले भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।उन्होंने आगे कहा कि सरहुल पर्व हिन्दू समाज का ही अंग है तो हनुमान झण्डे को हटाना कहाँ तक सही है।हनुमान झण्डे के साथ भी उनके झण्डे को लगाया जा सकता था परन्तु विधायक विनय भगत के द्वारा हनुमान जी के झण्डे को हटावा कर दूसरे समुदाय का झण्डा लगा दिया गया जो बर्दास्त से बाहर है।वहीं उन्होंने यह भी कहा कि आखिर थाने में इस मामले की शिकायत की गई है तो अब तक मामले की जांच कर हनुमान झण्डे को हटाने वालों पर कार्यवाही क्यों नही की जा रही है..?अगर जल्द से जल्द कार्यवाही नही किया जायेगा तो हिन्दू समाज अब चुप नही बैठेगा।

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