रिपोर्टर-सुरेश कुमार यादव
जनपद पंचायत बलौदा जांजगीर चांपा जिले का एक बहुत बड़ा जनपद है जो अपने अधिकारी कर्मचारियों की लापरवाही और सुस्त कार्य प्रणाली के कारण आए दिन सुर्खियों में बना रहता है। इस कार्यालय में अधिकारी और कर्मचारी के आने जाने के समय का कोई ठिकाना नहीं है। जिस दिन मुख्य कार्यपालन अधिकारी मीटिंग या दौरे के कारण कार्यालय से बाहर रहते हैं उस दिन तो यहां के कर्मचारियों की मौज ही मौज है । न केवल यहां के कर्मचारी अपने मन के मालिक हैं बल्कि जनप्रतिनिधियों का भी इनके नजर में कोई कीमत या कद्र नहीं है । यहां के कर्मचारी जन प्रतिनिधियों के द्वारा सौंप गए कार्यों को अंतिम प्राथमिकता में रखते हैं । जनपद पंचायत बलौदा में 15वीं वित्त की कार्य योजना को संपादित करने वाला जो विभाग और उसके जिम्मेदार अधिकारी निलेश कुमार देवांगन की कार्यप्रणाली से पूरा जनपद पंचायत बलौदा त्रस्त है । कार्य की अधिकता का हवाला देकर निलेश देवांगन के द्वारा 15 में वित्त कार्य योजनाओं को महीनों तक पेंडिंग रखकर उसे महत्वहीन कर दिया जाता है । जनपद पंचायत बलौदा के जनपद समिति के पदाधिकारी और सदस्यों के द्वारा 15 वे वित्त के मद के अंतर्गत अपने अपने जनपद क्षेत्र में जो विकास के लिए कार्य योजना बनाई गई है उन कार्यों की पूर्णता इस विभाग की सुस्ती के कारण बदहाल स्थिति में है । कार्य पूर्ण हो जाने के बाद कई महीनो तक उक्त कार्य के फाइल को पूर्ण करके सीईओ के टेबल तक नहीं पहुंचा जा रहा है । किसी जनपद सदस्य के द्वारा अपने कार्य योजना में संशोधन विषयक आवेदन करने पर साल साल भर उसे पर कार्यवाही नहीं होती है । जब जनप्रतिनिधि निलेश देवांगन से इस विषय में शीघ्र कार्य करने का निवेदन करते हैं तो उनके द्वारा कार्य की अधिकता कह कर उल्टा यह जवाब दिया जाता है कि आप लोग जहां जाओ वहां मेरी शिकायत कर सकते हो मैं मेरे हिसाब से ही कार्य करूंगा । निलेश देवांगन की इस हठधर्मिता के कारण न केवल जनप्रतिनिधि पीड़ित हैं बल्कि क्षेत्र के विकास भी बाधित हो रहा है । ऐसे में पीड़ित जनप्रतिनिधि जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और कलेक्टर के पास उक्त विषय को लेकर जाने की तैयारी में है ताकि इस समस्या का उचित समाधान हो सके।