ज्ञात हो कि पत्थलगांव को जिला बनाए जाने की मांग दशकों पुरानी मांग है। अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से ही लोग इसे लेकर आवाज उठाते रहे हैं । परंतु आज भी पत्थलगांव को जिला बनाया जाना लोगों के लिए एक स्वप्न के समान हो गया है। जिससे लोगों में जिला बनाने की मांग तेज हो गयी है । देखा जा रहा है कि अब लोग सोशल मीडिया में हैशटैग पत्थलगांव को जिला बनाओ को ट्रेंड कर रहे है। वही स्थानीय लोगो ने मुख्यमंत्री के ट्वीट के माध्यम से ध्यानाकर्षण कराना चाह रहे है। लोगों का कहना है कि पहले भाजपा और फिर कांग्रेस की ओर से इसे लेकर चुनावी वादा करने के बावजूद इस दिशा में अब तक कोई पहल नहीं हो पाई है। 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद से ही लोग इसकी आश लगाए बैठे हैं मगर अब तक इसे लेकर कोई शुरुआत नहीं हुई है। विधानसभा चुनाव के पास आने के साथ ही लोग अब इस मांग को लेकर मुखर होने लगे हैं। समाजसेवियों का कहना है जशपुर जिले सहित पत्थलगांव आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है। ऐसे में जिला मुख्यालय के दूर होने से यहां के लोगों की परेशानी को देखते हुए पत्थलगांव को जिला मुख्यालय बनाया जाना बहुत ही जरूरी है। लोगों का कहना है कि आने वाले विधानसभा चुनाव से पूर्व इसकी घोषणा नहीं होने पर उन्होंने राजनीतिक दलों को इसका खामियाजा भुगतने की बात भी कही है।
लोगों का कहना है कि पूर्व की सरकार ने भी इस पर अमल नहीं किया है। जो कि वर्तमान सरकार भी इससे दोहरा रही है। स्थानीय निवासी बसंत शर्मा(अधिवक्ता), विजय त्रिपाठी, सुरेन्द्र चेतवानी, संजय लोहिया, अंकित बंसल, संजय तिवारी, अवधेश गुप्ता, बबलू तिवारी, नीरज गुप्ता, जितेंद्र गुप्ता, सहित अन्य ने इसे लेकर सवाल उठाए हैं उनका कहना है कि सत्ता संभालने के बाद से ही सरकारी माध्यमों से कई बार पत्थलगांव को जिला बनाए जाने का संकेत दिया जाता रहा है परंतु इससे आगे 2019 में छत्तीसगढ़ के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा संभाग आयुक्त को पत्र लिखा गया था जिसमें जशपुर जिला से पत्थलगांव का नवीन जिला बनाए जाने के संबंध में करवाई विचाराधीन होने की बात कही गई थी इस बात को 3.5 वर्ष होने से अधिक का समय बीत चुका है परंतु पत्थलगांव को जिला बनाने की आज भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
स्थानीय जानकारों का कहना है कि पत्थलगांव का हर दृष्टिकोण से जिला बनाए जाने के लिए उपयुक्त है। भौगौलिक दृष्टिकोण से यहां आसपास के क्षेत्रों को केंद्र पर स्थित है यहां के लिए आवागमन भी इसे देखते हुए पत्थलगांव को जिला बनाया जाना चाहिए । उन्होंने इसको लेकर आगामी 8 जून को पत्थलगांव में प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मांग करने की बात भी कही है।
शुरू हुई शांतिपूर्ण प्रदर्शन की तैयारी
जिला बनाने की मांग के जोर पकड़ने के साथ ही लोगों ने अब एकजुट होकर प्रदर्शन की तैयारियां शुरू कर दी है। लोगों का मानना है कि 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद अब काफी समय बीत चुका है। अब तक पत्थलगाव जिला बनाए जाने को लेकर शासन के स्तर पर कोई भी पहल दिखाई नहीं पड़ रही है। अभी तक कई अन्य नए जिलों का गठन किया जा चुका है। जिनमें ऐसे जिले भी शामिल हैं जिनकी शायद ही कभी कोई मांग रही हो। परंतु इस ओर ध्यान नहीं दिए जाने से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि सरकार को इस क्षेत्र के लोगों की कोई परवाह नहीं है लोगों का मानना है कि ऐसी स्थिति में एकमात्र आंदोलन का रास्ता ही बचता है हालांकि लोगों ने इसके लिए शांतिपूर्ण प्रदर्शन की राह को चुनी है जिला बनाओ संगठन पत्थलगांव की ओर से 9 मई से शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन करने की अनुमति हेतु जिला प्रशासन के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर दिया गया है, लोगों का कहना है कि धरना पूरी तरह शांतिपूर्ण होगा। क्षेत्र के आधिकारिक इलाकों व ग्रामीण इलाकों से लोगों का समर्थन हासिल करने का प्रयास किया जाएगा जिससे पत्थलगांव को जिला बनाने की मांग को जमीनी स्तर पर उतारा जा सके।