रिपोर्टर-दिपेश रोहिला
पत्थलगांव के किलकिलेश्वर धाम में रौनियार समाज द्वारा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर हर्षोउल्लास के साथ बड़े ही धूमधाम से महर्षि कश्यप जयंती मनाई गई।
इस दौरान रौनियार समाज ने सर्वप्रथम महर्षि कश्यप के तैल्यचित्र पर माल्यार्पण कर विधि विधान से पूजन संपन्न करते हुए उनकी आरती का गायन किया।
तत्पश्चात पदाधिकारियों द्वारा रौनियार समाज के सपरिवार सहित आये लोगों को गमछा पहनाकर उनका सम्मान किया। इस अवसर पर किलकिलेश्वर धाम में सपरिवार सहित आए लोगो ने समाज के वरिष्ठजनों के समक्ष अपना परिचय दिया।
मालूम हो कि प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी 5 अप्रैल को महर्षि कश्यप जयंती मनाई जाती है। बता दें कि महर्षि कश्यप का आश्रम मेरू पर्वत के शिखर पर था। कश्यप ऋषि एक वैदिक ऋषि थे। हिन्दू मान्यता अनुसार इनके वंशज ही सृष्टि के प्रसार में सहायक हुए।
इस अवसर पर रौनियार समाज के गीतों से किलकिलेश्वर धाम गुंजायमान रहा। पुरूष-महिलाओं व बच्चों ने गीतों की धुन में ताली बजा कर समाज के लोगों का उत्साहवर्धन किया।
इस मौके पर विभिन्न प्रकार के खेल आयोजित किये गए थे। जिसमे शामिल कुर्सी दौड़, टेबल ग्लास शूट, हाथ बांध कर जिलेबी खाना, गुब्बारे फुलाना जैसे विभिन्न खेलों में लोगो ने भाग लिया। जिसमें जीतने वाले को प्रथम द्वितीय व तृतीय पुरस्कार से पुरस्कृत किया।
इस दौरान पत्थलगांव रौनियार समाज के अध्यक्ष जितेंद्र गुप्ता ने बताया कि रविवार को बैठक आयोजित कर बहुत ही कम समय में समाज के युवाओं ने इस कार्यक्रम को सफल बनाया जो कि बड़े ही गौरव की बात है। इसी तरह प्रत्येक वर्ष रौनियार समाज द्वारा 5 अप्रैल को महर्षि कश्यप की जयंती बड़े धूमधाम से मनाई जाएगी।