संसदीय सचिव यूडी मिंज के प्रयास से, विकास की नई आयाम गढ़ रहा कुनकुरी - Chhattisgarhkimunaadi.com

Breaking

Home Top Ad

मध्यप्रदेश़/छत्तीसगढ के सभी जिलों में संवाददाता की आवश्यकता है इच्छुक व्यक्ति ही संपर्क करें 9644565147,8889471190 छत्तीसगढ़/मध्यप्रदेश के सभी जिलों में संवाददाता की आवश्यकता है इच्छुक व्यक्ति ही संपर्क करें 9644565147,8889471190
हिंन्दी न्यूज |अंग्रेजी न्यूज|नौकरी|CGjobse.in|रायपुर|कोरोना|जशपुर|देेश-विदेश|राजनीतिक|हिंन्दी न्यूज |अंग्रेजी न्यूज|नौकरी|CGjobse.in|रायपुर|कोरोना|जशपुर|देेश-विदेश|राजनीतिक

गुरुवार, 14 अप्रैल 2022

संसदीय सचिव यूडी मिंज के प्रयास से, विकास की नई आयाम गढ़ रहा कुनकुरी


कुनकुरी विधायक यू डी मिंज यह एक नाम जिले में विकास की नई पहचान बन चुका है इस पहचान को धूमिल करने विपक्ष हर दांव खेलने गुरेज नही कर रहा है मगर उन सबसे परे विकास की नित नई इबारत लिखते विधायक यू डी मिंज समय समय पर विपक्ष को आइना भी दिखाते रहे हैं यू डी मिंज ने अब तक जितने कार्य अपने हाथों में लिया है उन सबमें सफलता के झंडे ही गाड़े हैं अकेले कुनकुरी विधानसभा में विधायक यू डी मिंज की उपलब्धि गिनाने वालों की लंबी फेहरिस्त है जो अनवरत यू डी मिंज के कार्यों को पूरी लगन और निष्ठा से पूरी करवा रहे हैं...कोरोना के कठिन दौर में जब सरकार अव्यवस्थित थी पूरे देश मे अफरातफरी का माहौल था तब विधायक अपने विधानसभा क्षेत्र के सघन दौरे पर रहते थे अपनी गाड़ी में वे दुलदुला, कुनकुरी, फरसाबहार में मनरेगा के कार्यों का जायज़ा लेने निकल जाया करते थे शोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सेनेटाइजर का स्टॉक अपनी गाड़ी में रखकर पूरे विधानसभा में मास्क और सेनेटाइजर बांटा करते थे मनरेगा में कार्यरत मजदूरों को पैसे के लिए इधर उधर दौड़ना न पड़े इसके लिए उन्होंने कलेक्टर से चर्चा कर महिला समितियों के जरिये घर घर जाकर नगद भुगतान करने कहा जिससे हर ग्राम में मजदूरों को घर पर ही उनकी मजदूरी दी जा सके और वे कम से कम बाहर निकलें!!
इसके अलावा उन्होंने कुनकुरी डेम के गेट का निर्माण कराया, हनुमान टेकरी को पार्क के रूप में विकसित करने समिति के अध्यक्ष रमेश बजाज के साथ मिलकर उन्होंने कार्ययोजना बनाकर हनुमान टेकरी को नया स्वरूप देने कोई कोर कसर बाकी न रखा, इसके अलावा कुनकुरी नगर समेत आस पास के ग्रामों में सौर ऊर्जा विद्युत पोल खम्बो से उजाला फैलाया आज जब लाइट नही होने पर भी कुनकुरी सहित आस पास के ग्रामीण इलाके के चौक चौराहे रात में रोशनी से नहाए होते हैं तो देखते ही बनता है, कुनकुरी श्मशानघाट जो विगत कई सालों से अपनी उपेक्षा का दंश झेल रहा था वहां उन्होंने अपने पहले ही प्रयास से एक सीसी सड़क, चबूतरा, एवं शव दाह के लिए स्थान बनाकर लोगों के दिलों में अपनी जगह बना ली आज यू डी मिंज जल संरक्षण, के लिए वन संरक्षण को बहुत जरूरी बताते हुए कहते हैं जमीनी जल की बढ़ोतरी के लिए हमें न तो बांध बनाने की आवश्यकता है न ही नए तालाब खोदने की हम अगर वन बचा पाए नए वन बसा पाए तो जल जो जिले में 1000 फ़ीट नीचे चला गया है वह स्वंय ऊपर आ जायेगा इसके अलावा हम जंगलों को आग से बचाकर जलस्तर को गिरने से रोक सकते हैं, घरों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाकर बारिश के पानी को सोख्ता गड्ढे में डालकर पानी के स्तर को बरकरार रख सकते हैं पानी को व्यर्थ न बहाकर हम जलस्तर को नीचे जाने से रोक सकते हैं जंगलों से सूखी पत्तियों को चुन कर सुखी लकड़ियों और गोबर के साथ हम प्राकृतिक ईंधन बना सकते हैं नए वृक्ष न काटकर सूखे वृक्षों को जलावन के लिए इस्तेमाल कर जल जीवन और जंगल को संरक्षित कर सकते हैं...जशपुर बुद्धिजीवियों का शहर है मैं सभी से अनुरोध करता हूँ जशपुर को बचाये रखने आप सभी के सहयोग की अपेक्षा है आप सभी का साथ हमें जशपुर को ग्रीन सिटी बनाने महत्वपूर्ण साबित होगा!!


जशपुर जिले में हर मौसम में तीन तरह के मौसम होते हैं जशपुर के सन्ना, मनोरा, आस्ता, तथा अन्य पाठ क्षेत्र जहां अत्याधिक ठंड वाले इलाके हैं वहीं कुनकुरी फरसाबहार, दुलदुला, मध्यम ठंड को समेटे हुए हैं वहीं पत्थलगांव में सभी मौसम सामान्य होते हैं तीनो जगह में अलग अलग फसलों, शब्जियों, औषधियों,सहित अन्य उत्पाद पैदा किये जाते हैं जैसे जशपुर में टाऊ, नासपाती, स्ट्राबेरी, संतरा, शेब, शिमला मिर्च, चाय कॉफ़ी धान की फसलें बहुत अच्छी होती है वहीं कुनकुरी में कागजी नींबू, कटहल, आम, मौसम्बी, संतरा, केला, पपीता, खीरा गाजर, ककड़ी, तरबूज, हरी मिर्च धान, गेहूं सहित अन्य फसलें बहुतायत होती है,, पत्थलगांव चूंकि सामान्य ठंड वाला शहर है अतः उस क्षेत्र में हरी शब्जियाँ, धान, मक्का, गन्ना, आदि कई महत्वपूर्ण फसलें , दालें उगाई जाती है जशपुर प्राकृतिक दृष्टि से हिमालयीन क्षेत्र जैसा हैं यहां से उद्गम होने वाली छोटी बड़ी 15 नदियां है 17 छोटे बड़े जलप्रपात हैं सैकड़ों घाटियां हैं जो इसे जन्नत सा खूबसूरत बनाती हैं जशपुर जिले की 95% आबादी खेती किसानी पर निर्भर है यहां इको टूरिज्म के अलावा एडवेंचर टूरिज्म की अति संभावनाएं है इन्हें विकसित करने संसदीय सचिव यू डी मिंज लगातार प्रयासरत हैं उनके प्रयास का ही नतीजा है कि विगत चार सालों से जशपुर में हॉट एयर बैलून, पैरामोटर, पैरासिलिंग जैसी एक्टिविटी लगातार हो रही है एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा देने उन्होंने देश के प्रसिद्ध पर्वतारोही प्रशिक्षक पार्थ सारथी दत्ता को कुनकुरी जशपुर वासियों को प्रशिक्षण देने आमंत्रण भेजा जिसे पर्वतारोही पार्थ सारथी दत्ता ने सहर्ष स्वीकार कर जशपुर आने का फैसला किया जब वे सड़क मार्ग से कलकत्ता से जशपुर के लोदाम पँहुचे तो उनकी खुशी का कोई ठिकाना नही रहा लोदाम से वह जशपुर आये जशपुर से मयाली मयाली आकर उन्होंने जशपुर घूमने विधायक से आग्रह किया जिसके बाद विधायक यू डी मिंज ने अपनी एक टीम को उनके साथ जशपुर दर्शन के लिए रवाना किया पार्थ सारथी दत्ता ने रौनी, बगीचा, कैलाशगुफ़ा, रानीदाह, कोतेबिरा, सतपुड़िया, किनकेल, देशदेखा, सोगड़ा, पंडरापाठ, शारदाधाम बूढ़ापहाड़, मयाली आदि जगहों का सफर किया जशपुर के जलवायु को उन्होंने हिमालय के तराई इलाके से मिलता जुलता बताया जिसके बाद वे अब तक आठ से दस बार जशपुर आ चुके हैं अभी कुछ दिन पूर्व ही उन्होंने एडवेंचर स्पोर्ट्स की बेसिक ट्रेनिंग कार्यक्रम में बतौर प्रशिक्षक जशपुर के बच्चों को प्रशिक्षण दिया!!


डीएफओ जितेंद्र उपाध्याय कहते हैं किसी जनप्रतिनिधि का जशपुर के जलवायु यहां की प्राकृतिक व्यवस्था के साथ प्रकृति को इतने करीब से देख मैं मुग्ध हूं जशपुर मुझे लगातार अपनी ओर आकर्षित करता रहा है जशपुर छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों से बिल्कुल अलग है यहां के लोग, यहां की संस्कृति यहां के जंगल बिरले ही देखने को मिलते हैं इन सबमें सबसे खास यहां के अधिकतर लोग वनों को समझते हैं उसे बचाना चाहते हैं यह बहुत कम देखने को मिलता है आज जशपुर जिले में हर वर्ग के लोगों में अधिकतर वनप्रेमी हैं जो जशपुर जिले के लिए शुभ संकेत है मैं आशान्वित हूँ जशपुर की जनता का सहयोग मुझे वनों को बढ़ाने बसाने बचाने सदा मिलता रहेगा जशपुर की जनता वनों को बचाने बसाने बढ़ाने मुझसे हर सम्भव सहायता ले सकते हैं हम सभी साथ कार्य करते जशपुर की वन संपदा को नई ऊंचाई दे पाएंगे ऐसा मैं उम्मीद करता हूँ सभी वनप्रेमियों को मेरी शुभकामनाएं!

"
"