बहुराष्ट्रीय कंपनी की नौकरी छोड़ अब गांव के बच्चों को पढ़ाने और किसानों की मदद में जुटा युवा "लोकेश यादव"
जांजगीर चाम्पा -- हमारे देश में कुछ युवा ऐसे भी है जो देश भक्ति से प्रेरित हो कर ऊँचे वेतन की नौकरी छोड़कर समाज के उस तबके के लिए काम कर रहे हैं, जिन्हें उनकी मदद की सबसे अधिक जरुरत है। ऐसा ही एक नाम लोकेश कुमार यादव है। ये बम्हनीडीह ब्लाक के एक छोटे से गांव पुछेली के रहने वाले है। लोकेश किसान परिवार में जन्मे व प्रारंभ से ही मेधावी रहे नवोदय में चयन होने के बाद भोपाल से P.G.D.E.M. (Post graduate diploma environment management) व सी.वी.रमन से Msc. ऑर्गेनिक केमेस्ट्री किया। अन्ना आन्दोलन (IAC) ने बहुराष्ट्रीय कंपनी (GMR) बंगलोर में कार्यरत पर्यावरण प्रबंधन स्नात्कोतर श्री लोकेश यादव को देश के लिए कुछ सार्थक करने के लिए प्रेरित किया। कम्पनी के एक कार्यक्रम में दिल्ली प्रवास के दौरान जंतर मंतर में चल रहे अन्ना आन्दोलन से प्रभावित हो लाखों पैकेज एवं सर्वसुविधायुक्त् नौकरी छोडी।
"हर गांव श्रेष्ठ गांव" का ट्रेनिंग मॉडल तैयार किया जिसमें1.भारतीय संविधान 2.लोकल गवर्नेस् 3.एनवायरनमेंट एंड एज्युकेशन।
जैसे विषय शामिल हैं।
अब तक सैकङों ग्रामीण बच्चे इनसे मार्गदर्शन पाकर देश/ प्रदेश के विभिन्न भागों में सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थानो में नौकरी प्राप्त कर अपनी पारिवारिक र्आर्थिक स्थिति सुधारने के साथ साथ देश सेवा कर रहे हैं। गरीब एवं कमज़ोर तबके के ग्रामीण किसान बच्चे उन्से निशुल्क मार्गदर्शन पाकर "एकलव्य एवं नवोदय विद्यालय" में अध्ययन कर रहे/चुके हैं।
"जन -संवाद" के माध्यम से लोगों के बीच पहुँचकर संविधान, स्थानीय शासन,आम नागरिक के अधिकार एवं कर्तव्य के सम्बन्ध में जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करते रहते हैं।
लोकेश जी गांव में रहकर सुगन्धित,औषधिय एवं विशिष्ट गुणों वाली देशी धान की जैविक खेती करते हैं,उनसे प्रेरित होकर आसपास के किसानोंं ने भी जैविक खेती करना प्रारम्भ कर दिया है।क़ृषि महविद्यालय् के छात्र भी उनसे जैविक् खेती के गुर सीखने आते रहते हैं। लोकेश जी कहते हैं "मनुष्य वर्तमान बुनियादी जरुरत ताजी हवा पानी और रसायन मुक्त भोजन है जिसके लिए गोवंश आधारित जैविक खेती ही श्रेष्ठ है।
जन्स्वास्थ्य् एवं जलवायु को उत्कृष्ट बनाये रखने के लिए पर्यावरण अनुकूल जैविक खेती को सरकार एवं आम जनता को बढावा देना होगा तभी "स्वस्थ्य् भारत श्रेष्ठ भारत" का सपना साकार होगा।
आज के आधुनिक दौर में जहाँ अधिकतर उच्च शिक्षित युवा अपने सपने साकार करने के लिए बड़े बड़े शहरों में पलायन् कर जाते हैं वहीं तीन विषयों में स्नात्कोतर (पर्यावरण प्रबन्धन, जैविक् रसायन शास्त्र, कंप्यूटर एप्लीकेशन) लोकेश जी पिछले एक दशक से अपने गृहग्राम पुछेली जिला जांजगीर-चांपा छत्तीसगढ़ में रहकर "ग्रामीण किसानों एवं उनके बच्चों को सक्षम एवं कुशल बनाने में निष्काम भाव से लगे हैं।
ऐसे कर्मयोगी को सादर नमन।
"एक भारत श्रेष्ठ भारत "