रिपोर्टर-सुरेश कुमार यादव
जांजगीर चाम्पा- कर्मों का फल चाहे कोई भी हों। उसे भोगना ही पड़ता है। चाहे राजा हो या फिर रंग। उक्त बातें ग्राम बहेराडीह उर्फ भदरीपाली में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन राजा चित्रकेतु प्रसंग का वर्णन करते हुए कथावाचक पंडित उत्तम मिश्रा ने कहा। श्रीमद्भागवत कथा कार्यक्रम का शुभारंभ गांव में भब्य कलश यात्रा के साथ किया गया। हिरण्याक्ष और हिरणाकश्यप के कथा का वर्णन करते हुए कहा कि हिरणाकश्यप और हिरण्याक्ष अपने कर्मो के अनुसार असुर योनि को प्राप्त हुआ था। जिसका वध भगवान ने अलग अलग रूप धारण करके किया है। अहंकार और लोभ हमारे जीवन का सबसे बड़ा दुश्मन है। इसलिए हमें इससे बचना चाहिए। कथा सुनने वालों में नंदलाल यादव लष्मीन यादव जुड़िमडी यादव मूरित राम यादव पुष्पा यादव जितेंद्र कुमार यादव दीनदयाल यादव रामगोपाल यादव लखन यादव संतोष यादव श्रवण कश्यप लखन कश्यप शांतिलाल राठौर नरहर सिंह दुर्गेश विश्वनाथ कौशल यादव रूपेश यादव मोहरसाय पटेल ससी राम यादव रामबाई यादव रामलाल यादव श्यामलाल यादव व ग्रामीण उपस्थित थे।