जिला
जल एवं स्वच्छता मिशन की आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित बैठक में अवगत
कराया गया कि वर्ष 2024 तक घरेलू टेप नल कनेक्शन के माध्यम से ग्रामीण
क्षेत्र में हर घर जल पहुंचाया जायेगा। जिला जल एवं स्वच्छता मिशन (जल जीवन
मिशन) के अध्यक्ष कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर की अध्यक्षता में
आयोजित इस बैठक में जिले में जल जीवन मिशन की क्रियान्वयन हेतु शासन द्वारा
17 फरवरी 2021 को जारी अधिसूचना, पूर्व में स्वीकृत योजनाओं
(रेट्रोफिलिंग, सिंगल विलेज, सोलर आधारित नल जल योजना) के निविदा जारी करने
और तकनीकी स्वीकृति प्राप्त योजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति के संबंध में
चर्चा की गई। इसके अलावा सर्वे डी.पी.आर की ई.ओ.आई. तथा पन्द्रहवें वित्त
आयोग की राशि से स्कूल, आंगनबाड़ी, आश्रम/छात्रावास, प्राथमिक स्वास्थ्य
केन्द्र, पंचायत भवन एवं अन्य शासकीय भवनों में रनिंग वाटर की व्यवस्था के
संबंध में भी चर्चा की गई। बैठक में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के
कार्यपालन अभियंता पी.के कतलाम ने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत वर्ष
2024 तक घरेलू टेप नल कनेक्शन के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में हर घर जल
पहुंचाया जायेगा। प्रत्येक व्यक्ति को 55 लीटर प्रति दिन के मान से मानक
गुणवत्ता का शुद्ध जल प्राप्त होगा। पेयजल भरने हेतु लगने वाले समय की बचत
होगी। मानक गुणवत्ता का शुद्ध पेयजल घर पर ही प्राप्त होगा। गुणवत्ता युक्त
जल के सेवन से स्वास्थ्य अच्छा रहेगा एवं जल जनित बीमारियों से बचाव होगा।
जल संरक्षण, व्यर्थ जल की सुरक्षित निकासी एवं उपचार से संबंधित कार्य
अभिसरण के माध्यम से संपन्न किये जायेंगे। यह योजना भारत सरकार राज्य सरकार
एवं ग्रामवासियों की संयुक्त योजना है। अनुसूचित जाति जनजाति बाहुल्य
ग्रामों में योजना क्रियान्वयन की लागत का 47.5 प्रतिशत भारत सरकार, 47.5
प्रतिशत राज्य सरकार, का अनुदान एवं 5 प्रतिशत हितग्राही अंशदान निर्धारित
है। सामान्य क्षेत्र में यह अनुपात 45 प्रतिशत, 45 प्रतिशत, 10 प्रतिशत है।
गरियाबंद जिले के समस्त 666 ग्रामों की ग्राम कार्य योजना तैयार कर ग्राम
सभा से अनुमोदन प्राप्त किया गया। पंचायत स्तर पर ग्राम जल एवं स्वच्छता
समिति गठित है। इस समिति का जल जीवन मिशन अंतर्गत एक बचत खाता खोलकर उसमें
हितग्राही अंशदान जमा किया जावेगा। हितग्राही अंशदान नगद, सामग्री एवं श्रम
के रूप में दिया जा सकता है। उक्त बचत खाता योजना पूर्ण होने के उपरांत
संचालन-संधारण खाते के रूप में उपयोग में लाया जा सकेगा। जल जीवन मिशन
अंतर्गत पेयजल आपूर्ति योजनाएं तैयार की जावेगी। जिसके अंतर्गत
रेट्रोफिटिंग -पूर्व संचालित योजना को प्रत्येक घर तक टेप कनेक्शन के
माध्यम से पेयजल पहुंचाने योग्य तैयार करना। नवीन एकल ग्राम योजना - एक
ग्राम की, पर्याप्त जल आवक क्षमता वाले भू-जल स्त्रोत पर आधारित योजना।
समूह जल प्रदाय योजना- सतही स्त्रोत पर आधारित कई ग्रामों की संयुक्त
योजना। सोलर पंप मिनी नलजल योजना - ग्राम में मुख्य बसाहट से दूर अवस्थित
बसाहटों के लिये उपयुक्त योजना। (50 से 60 घरों के लिये उपयुक्त) ग्राम में
योजना के क्रियान्वयन हेतु वेंडर, जिला जल स्वच्छता मिशन तथा ग्राम पंचायत
के मध्य तृपक्षीय अनुबंध किया जावेगा। ई.पी.एच.ई ने यह भी बताया कि ग्राम
योजना के क्रियान्वयन हेतु वेंडर, जिला जल स्वाच्छता मिशन तथा ग्राम पंचायत
के मध्य त्रिपक्षीय अनुबंध किया जायेगा। योजना के गुणवत्ता नियंत्रण हेतु
तृतीय पक्ष की नियुक्ति की जावेगी। तथा योजना में लगने वाली सामग्रियों
जैसे पाईप, कांक्रीट, मिट्टी आदि का तकनीकी परीक्षण प्रयोगशाला में किया
जावेगा। ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति में नामित पांच महिला सदस्य, फील्ड
टेस्ट किट से ग्राम में स्थित पेयजल स्त्रोतों तथा टेपनल के जल का निश्चित
समयावधि में जल गुणवत्ता परीक्षण करेंगे। घरेलू नल कनेक्शन हेतु सभी आवेदक
ग्राम पंचायत में आवेदन करेंगे एवं घरेलू कनेक्शन प्राप्त करेंगे।
ग्रामवासी योजना के नियमित रख-रखाव हेतु ग्राम पंचायत द्वारा लगाया गया
मासिक शुल्क नियमित रूप से जमा करेंगे। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य
कार्यपालन अधिकारी चन्द्रकांत वर्मा, वनमण्डाधिकारी मयंक
अग्रवाल, सी.एम.एच.ओ. डॉ. एन.आर. नवरत्न, जिला शिक्षा अधिकारी भोपाल
ताण्डे , उप संचालक कृषि फागूराम कश्यप , ए.सी.टी. एल.आर कुर्रे,
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास जगरानी एक्का एवं सभी
विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।